अमावस्या मई 2024: तारीख और समय
अमावस्या, या नई चाँद, हिन्दू पंचांग में एक महत्वपूर्ण तिथि है जब चंद्रमा किसी भी ग्रहण में सूर्य के साथ छिप जाता है। यह संसार के मुख्य धर्मों में से एक के रूप में भी मानी जाती है और संपूर्ण पूजाओं व संस्कारो में अपना गहरा महत्व रखती है। अमावस्या का आगामी कलेंडर और समय अनुस्वारित होता है और इसका आगाज़ सूर्योदय के समय सम्पन्न होता है। एक तरफ से, यह एक शारीरिक महत्वपूर्णता होती है और दूसरी ओर पर्व, प्रार्थना, मेहमानविदा, पूजा की सामग्रियों की तैयारी, यज्ञ, तांत्रिक क्रियाएँ आदि के लिए एक सांस्कृतिक दिनांक होती है।
अमावस्या मई 2024 की तारीख और समय:
अमावस्या मई 2024 की तारीख है 9 मई 2024 और इसका समय सुबह 6 बजे से रात्रि 7:59 बजे तक रहेगा। यह दिन पौराणिक, आध्यात्मिक, और सांस्कृतिक माहत्म्य के रूप में मान्यताएं और प्राथमिकताएं रखता है।
महत्वपूर्ण सुचना:
- अमावस्या का दिन एकता, शांति, सद्भावना, और अपने पूर्वजों की याद करने के लिए एक अवसर है।
- पितृ पूजन इस दिन किया जाता है ताकि पितरों की आत्मा को शांति और सुकून मिले।
- वैदिक ज्योतिष के अनुसार, अमावस्या के दिन श्री हनुमान और काल भैरव की पूजा का विशेष महत्व है।
अनुष्ठान और विधान:
- सुबह उठकर नहाने के बाद, व्रत धरना चाहिए और इसे संध्या तक ही बनाए रखना चाहिए।
- अच्छे कामों को करना चाहिए और **दान ** करना चाहिए।
- चंदन, दीप और फल का दान करना उपयुक्त माना जाता है।
मंत्र:
- “ॐ नमः शिवाय” और “ॐ नमो भगवते वासुदेवाय” इस दिन का मंत्र माना जाता है।
और भी:
- अमावस्या की रात में तीर्थ, ज्योति, और भक्ति से युक्त रहना चाहिए।
- आपको वल्लिपन्नैल। (विपाणे दोनिल।) की पूजाएं करनी चाहिए जिससे संतान सुख एवं निरामयता प्राप्त हो।
अमावस्या मई 2024: परंपरागत उपायों का पालन
परंपरागत उपायों का पालन हमें जीवन में शांति, सफलता, एवं सुख की प्राप्ति में मदद कर सकता है।
– अस्त्रोलॉजी में, मन्त्राजप और ध्यान का क्रियात्मक अपनाना चाहिए।
– पुण्यदान करना चाहिए जैसे धुप, दीप, फल आदि।
– सायंकाल में, नीलकंठ शिव की आराधना करनी चाहिए।
कुछ प्रश्न-उत्तर:
1. अमावस्या क्या है?
अमावस्या एक हिंदू पंचांग में चंद्रमा की अवधि को दर्शाने वाली तिथि है जिसे नई चाँद या अमावस्या कहा जाता है।
2. औपचारिकता के अलावा, अमावस्या का क्या महत्व है?
अमावस्या के दिन विशिष्ट पूजाएं, व्रत, और अनुष्ठान करने से सांस्कृतिक और आध्यात्मिक उन्नति होती है।
3. अमावस्या के दिन क्या नहीं करना चाहिए?
अमावस्या के दिन भोजन में अन्धाधुंध दान पत्र नहीं करना चाहिए और अशुभ कार्यों से बचना चाहिए।
4. अमावस्या के दिन किस प्रकार का आहार लेना चाहिए?
अमावस्या के दिन सत्विक भोजन, व्रत और पूजा में मन्नीय आहार लेना चाहिए।
5. अमावस्या का उपाय अनुष्ठान कैसे किया जाए?
मन्त्राजप, पूजा-अर्चना, ध्यान और धारण एवं अच्छे कर्मों का पालन अमावस्या के दिन का उपाय है।
समाप्ति:
अमावस्या एक महान आध्यात्मिक और सांस्कृतिक उत्सव है जिसका पालन शुभ होता है। जब विशेष उपायों और आचरणों के साथ इसे मनाया जाता है, तो इसकी महिमा बढ़ जाती है और जीवन में शुभ समाचार आते हैं। इसलिए, अमावस्या मई 2024 को अध्ययन और पालन करके, हम सुख, समृद्धि, और शांति को प्राप्त कर सकते हैं।
इस महत्वपूर्ण दिन को याद करते हुए, सभी को अमावस्या मई 2024 की हार्दिक शुभकामनाएं।